काल्कमा फहल
علقمة بن عبدة بن ناشرة بن قيس، من بني تميم
अल्क़मा फहल, बनी तमीम कबीले के एक प्रतिष्ठित सदस्य थे। उन्होंने अरबी साहित्य में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया, विशेषकर प्रेम कविताओं और शौर्य गाथाओं में। उनकी कविताएँ आज भी अरबी भाषा और संस्कृति के अध्ययन में उल्लेखनीय रूप से संदर्भित होती हैं। अल्क़मा की रचनाओं में उनके गहरे ज्ञान और व्यापक अनुभव की झलक मिलती है, जो उनके समय की सामाजिक और बौद्धिक स्थितियों को प्रदर्शित करती हैं।
अल्क़मा फहल, बनी तमीम कबीले के एक प्रतिष्ठित सदस्य थे। उन्होंने अरबी साहित्य में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया, विशेषकर प्रेम कविताओं और शौर्य गाथाओं में। उनकी कविताएँ आज भी अरबी भाषा और संस्कृति के अध्ययन...