खुरासान
خراسان
588 पाठों
•शामिल
खुरासान, जिसे अरबी में خراسان के नाम से जाना जाता है, एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है जो आज के पूर्वोत्तर ईरान, अफगानिस्तान के कुछ हिस्सों और तुर्कमेनिस्तान में फैला है। इस क्षेत्र का इस्लामी इतिहास में गहरा प्रभाव रहा है। खुरासान न केवल सांस्कृतिक और धार्मिक विकास का केंद्र रहा है, बल्कि यहाँ से कई विद्वानों और सूफी संतों ने भी अपना योगदान दिया है। इतिहास के विद्यार्थियों के लिए खुरासान का अध्ययन इस्लामी विश्व की गहरी समझ और ज्ञान का स्रोत हो सकता है।
खुरासान, जिसे अरबी में خراسان के नाम से जाना जाता है, एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है जो आज के पूर्वोत्तर ईरान, अफगानिस्तान के कुछ हिस्सों और तुर्कमेनिस्तान में फैला है। इस क्षेत्र का इस्लामी इतिहास में गहरा...
वर्ष
लेखक
शैलियों
मिहक्क नज़र
Al-Ghazali (d. 505 AH)أبو حامد الغزالي (ت. 505 هجري)
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ग़ैबा
الغيبة
शेख तुसी (d. 460 AH)الشيخ الطوسي (ت. 460 هجري)
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दीवान अब्दुल्लाह बिन मुबारक
ديوان عبد الله بن المبارك
इब्न मुबारक (d. 181 AH)عبد الله بن المبارك (ت. 181 هجري)
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मब्सथ व मगज़ी
المبعث والمغازي
Ismail al-Asbahani (d. 535 AH)إسماعيل الأصبهاني (ت. 535 هجري)
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इथबात इमामा
إثبات الإمامة
अहमद इब्न इब्राहिम नैसाबुरी (d. 386 AH)
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अमाली
الثالث من أمالي ابن الصلاح
इब्न सलाह (d. 643 AH)ابن صلاح (ت. 643 هجري)
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माफातिह उलम
مفاتيح العلوم
कातिब ख्वारिज़्मी (d. 387 AH)محمد بن أحمد بن يوسف، أبو عبد الله، الكاتب البلخي الخوارزمي (المتوفى: 387هـ) (ت. 387 هجري)
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थाकिब फी मानाकिब
الثاقب في المناقب
इब्न हमज़ा तूसी (d. 560 AH)ابن حمزة الطوسي (ت. 560 هجري)
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