अबू मंसूर जवालिकी
موهوب بن أحمد بن محمد بن الخضر بن الحسن، أبو منصور ابن الجواليقى (المتوفى: 540هـ)
अबू मंसूर जवालिक़ी, अरबी भाषा और व्याकरण पर उनके महत्वपूर्ण काम के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने 'अल-मुक़द्दिमा फी अल-नहव' और 'ख़िलास अल-अफ़्कार' जैसी किताबें लिखीं। इन पुस्तकों में अरबी भाषा के इतिहास और विकास की गहन विश्लेषण और परिभाषा शामिल हैं, जिसने बाद के विद्वानों को गहराई से समझने में मदद की। जवालिक़ी का कार्य अरबी भाषा के अध्ययन में एक महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है।
अबू मंसूर जवालिक़ी, अरबी भाषा और व्याकरण पर उनके महत्वपूर्ण काम के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने 'अल-मुक़द्दिमा फी अल-नहव' और 'ख़िलास अल-अफ़्कार' जैसी किताबें लिखीं। इन पुस्तकों में अरबी भाषा के इतिहास ...
शैलियों
मा जा अला फाअलत
ما جاء على فعلت وأفعلت بمعنى واحد مؤلف على حروف المعجم
•अबू मंसूर जवालिकी (d. 540)
•موهوب بن أحمد بن محمد بن الخضر بن الحسن، أبو منصور ابن الجواليقى (المتوفى: 540هـ) (d. 540)
540 अ.ह.
तकमीला दुर्रत गवास पर
التكملة والذيل على درة الغواص = التكملة فيما يلحن فيه العامة
•अबू मंसूर जवालिकी (d. 540)
•موهوب بن أحمد بن محمد بن الخضر بن الحسن، أبو منصور ابن الجواليقى (المتوفى: 540هـ) (d. 540)
540 अ.ह.
शरह अदब कातिब
شرح أدب الكاتب
•अबू मंसूर जवालिकी (d. 540)
•موهوب بن أحمد بن محمد بن الخضر بن الحسن، أبو منصور ابن الجواليقى (المتوفى: 540هـ) (d. 540)
540 अ.ह.