ইবনে কাইয়্যামের তার এক ভাইকে পাঠানো রিসালা

ইবনে কাইয়িম আল-জাওযিয়া d. 751 AH
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ইবনে কাইয়্যামের তার এক ভাইকে পাঠানো রিসালা

رسالة ابن القيم إلى احد إخوانه

তদারক

عبد الله بن محمد المديفر

প্রকাশক

دار عطاءات العلم (الرياض)

সংস্করণের সংখ্যা

الخامسة

প্রকাশনার বছর

١٤٤٠ هـ - ٢٠١٩ م (الأولى لدار ابن حزم)

প্রকাশনার স্থান

دار ابن حزم (بيروت)

عليه بمقتضى العبودية، فإنَّ عمل العبد وخدمته لسيده مُستَحَقٌّ عليه بحكم كونه عبده ومملوكه، [فلو] (^١) طَلَبَ منه الأُجرَةَ على عمله وخدمته لعده الناس أحمَقَ وأخرَقَ (^٢)، هذا وليس (^٣) هو (^٤) عبده ولا مملوكه (^٥) على الحقيقة، وهو (^٦) عبد الله، ومملوكه على الحقيقة (^٧) من كل وجه (^٨). فعمله وخدمته مُستَحَقٌ عليه بحكم كونه عبده (^٩)، فإذا [أثابه عليه] (^١٠) كان ذلك مجرد فضلٍ ومِنَّة (^١١) وإحسان إليه لا يستحقه العبد عليه (^١٢). ومن ههنا [يُفهم] (^١٣) معنى قول النبي ﷺ: "لن يدخل أحد منكم

(^١) في الأصل (فإذا)، والمثبت من ب. (^٢) (فإن عمل العبد) إلى (وأخرق) ورد في ج كالتالي: (فإن العبد لو يطلب من سيده الأجرة عده الناس أحمق). (^٣) في الأصل زيادة (هذا). (^٤) (هو) ساقطة من ج. (^٥) (ولا مملوكه) ساقطة من ج. (^٦) في ج (بل هو) بدل (وهو). (^٧) (ومملوكه على الحقيقة) ساقطة من ج. (^٨) في الأصل، وب زيادة: (لله سبحانه). (^٩) (فعمله وخدمته مستحق عليه بحكم كونه عبده) ساقطة من ج. (^١٠) في الأصل (أناب إليه)، والمثبت من ب، وفي ج (أثابه عليها). (^١١) (ومنة) ساقطة من ج. (^١٢) (إليه لا يستحقه العبد عليه) ساقطة من ج. (^١٣) ساقطة من الأصل، وأثبتت من ب، وج.

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