Суджуд ат-Тилава и его правила

Салих Аль-Лаххам d. Unknown
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Суджуд ат-Тилава и его правила

سجود التلاوة وأحكامه

Издатель

دار ابن الجوزي للنشر والتوزيع

Номер издания

الأولى

Год публикации

١٤٢٩ هـ

Место издания

المملكة العربية السعودية

Жанры

قال ابن قدامة: ولم يعرف لهم مخالف في عصرهم فكان إجماعًا (١). قال أبو إسحاق السبيعي: أدركت الناس منذ سبعين سنة يسجدون في الحج سجدتين (٢). من المعقول: ٤ - ولأن السجدة الثانية أوكد من الأولى، لورودها بلفظ الأمر، وورود الأولى بلفظ الإخبار، فكان السجود لها أولى (٣). القول الثاني: أنها ليست من مواضع السجود: ذهب إليه الحنفية (٤)، ومالك في رواية عنه، وهي المذهب (٥)

(١) المغنى (٢/ ٣٥٦). (٢) المجموع (٤/ ٦٢) المغني (٢/ ٣٥٦). (٣) الحاوي (٢/ ٢٠٥) المغني (٢/ ٣٥٧). (٤) المبسوط (٢/ ٦) تبيين الحقائق (١/ ٢٠٥) بدائع الصنائع (١/ ١٩٣). (٥) مواهب الجليل (٢/ ٦١) المنتقى (١/ ٣٤٩) المدونة (١/ ١٠٩) الكافي (١/ ٢٦١) التفريع (١/ ٢٧٠) المعونة (١/ ٢٨٣).

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