Лубаб Фи Фикх Шафии
اللباب في الفقه الشافعي
Исследователь
عبد الكريم بن صنيتان العمري
Издатель
دار البخارى
Номер издания
الأولى
Год публикации
1416 AH
Место издания
المدينة المنورة
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Лубаб Фи Фикх Шафии
Ибн Мухаммед Махамили d. 415 AHاللباب في الفقه الشافعي
Исследователь
عبد الكريم بن صنيتان العمري
Издатель
دار البخارى
Номер издания
الأولى
Год публикации
1416 AH
Место издания
المدينة المنورة
١ أي: الخروج من الإحرام. ٢ أسنى المطالب ١/٤٩٣. ٣ المنهاج ٣٩١. ٤ في (ب) (الإحلاق) . ٥ الأول: أنه نُسُك، وركن، لا يصح الحج إلا به، ولا يُجبر بدم ولا غيره، وهو الأصح عند النووي وغيره. والثاني: أنه ليس بنُسُك، وإنما هو شيء أُبيح له بعد أن كان محرَّما كاللباس، وتقليم الأظفار، والصيد وغيرها. وانظر الحاوي ٤/١٨٩، فتح العزيز ٧/٣٧٤، مناسك النووي ٣٨٠، الغاية القصوى ١/٤٤٦، مغني المحتاج ١/٥٠٥، ٥١٣. ٦ مناسك النووي ٣٩١، عمدة السالك ١٠٥.
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