القراءات المتواترة وأثرها في الرسم القرآني والأحكام الشرعية
القراءات المتواترة وأثرها في الرسم القرآني والأحكام الشرعية
Издатель
دار الفكر
Номер издания
الأولى
Год публикации
١٤١٩ هـ - ١٩٩٩ م
Место издания
دمشق
Жанры
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القراءات المتواترة وأثرها في الرسم القرآني والأحكام الشرعية
Мухаммад Хабаш d. Unknownالقراءات المتواترة وأثرها في الرسم القرآني والأحكام الشرعية
Издатель
دار الفكر
Номер издания
الأولى
Год публикации
١٤١٩ هـ - ١٩٩٩ م
Место издания
دمشق
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أعمّ من المجمل، والمجمل فرع منه، وهو قول الآمدي. هو الذي لم يترجح معناه، وهو رأي البيضاوي والسبكي. ما لا يدرك المراد منه أصلا لا بالفعل ولا بالنقل، وهو رأي الحنفية. هو الأقسام التي في القرآن والحروف المقطعة، وهو رأي ابن حزم. انظر الكتاب المذكور ص ٧٣.
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