इब्न अली हरीरी
القاسم بن علي بن محمد بن عثمان، أبو محمد الحريري البصري (المتوفى: 516هـ)
इब्न काली हरीरी एक प्रतिष्ठित अरबी कवि और लेखक थे, जिन्होंने बसरा में अपना अधिकांश समय बिताया। उन्होंने 'मकामात-अल-हरीरी' नामक कृति लिखी, जो अरबी साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान मानी जाती है। इस कृति में विभिन्न चारित्रिक विशेषताओं का वर्णन है, जो एक चतुर जीवन यापन का दर्शन कराते हैं। उनकी भाषा शैली और कविता में उपयोग की गई छवियाँ उनके समय की साहित्यिक क्षमता को दर्शाती हैं।
इब्न काली हरीरी एक प्रतिष्ठित अरबी कवि और लेखक थे, जिन्होंने बसरा में अपना अधिकांश समय बिताया। उन्होंने 'मकामात-अल-हरीरी' नामक कृति लिखी, जो अरबी साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान मानी जाती है। इस कृति मे...
शैलियों
मकामात
مقامات الحريري الكتب اللبناني
इब्न अली हरीरी (d. 516 AH)القاسم بن علي بن محمد بن عثمان، أبو محمد الحريري البصري (المتوفى: 516هـ) (ت. 516 هجري)
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मुल्हत इकराब
ملحة الإعراب
इब्न अली हरीरी (d. 516 AH)القاسم بن علي بن محمد بن عثمان، أبو محمد الحريري البصري (المتوفى: 516هـ) (ت. 516 هجري)
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दुर्रत गव्वास
درة الغواص في أوهام الخواص
इब्न अली हरीरी (d. 516 AH)القاسم بن علي بن محمد بن عثمان، أبو محمد الحريري البصري (المتوفى: 516هـ) (ت. 516 هجري)
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