Hadi ibn Mahdi al-Sabzawari
هادي بن مهدي السبزواري
हादी बिन महदी अल-सबज़वारी 19वीं शताब्दी के इरानी दार्शनिक थे, जिनका काम विशेष रूप से इस्लामी तर्कशास्त्र और हिकमत पर केंद्रित था। उन्होंने 'शरह-ए-मंज़ूमे' और 'गुलशर-ए-हिकमत' जैसे महत्वपूर्ण ग्रंथ लिखे, जो गहन दार्शनिक विचारधारा और सूफी दर्शन के परिप्रेक्ष्य में गिने जाते हैं। सबज़वारी का शिक्षण कार्य और उनकी साहित्यिक रचनाएँ फारसी और अरबी भाषा में बेहद समृद्ध थीं। उनके कार्यों ने उस समय के बौद्धिक और दार्शनिक परिदृश्य में अहम स्थान बनाया, और उन्होंने अपने विचारों से छात्रों और विद्वानों को प्रभा...
हादी बिन महदी अल-सबज़वारी 19वीं शताब्दी के इरानी दार्शनिक थे, जिनका काम विशेष रूप से इस्लामी तर्कशास्त्र और हिकमत पर केंद्रित था। उन्होंने 'शरह-ए-मंज़ूमे' और 'गुलशर-ए-हिकमत' जैसे महत्वपूर्ण ग्रंथ लिखे...